Story created by Renu Chouhan
सच्चा प्यार करने वालों के दिल को छू जाएगी चाणक्य की ये बात
Image Credit: Openart
चाणक्य नीति में ज्यादातर बातें जीवन को सही तरीके से जीने के बारे में बताई गई हैं.
Image Credit: Pixabay
इस किताब में प्यार और उससे जुड़ी बहुत ही कम बातें आपको देखने को मिलेंगी.
Image Credit: Pixabay
लेकिन चाणक्य ने अपनी नीति में एक श्लोक लिखा है "दूरस्थोपि न दूरस्थो यो यस्य मनसि स्थित:। यो यस्य हृदये नास्ति समीपस्थोपि दूरत:।।".
Image Credit: Pixabay
इसका अर्थ चाणक्य ने लिखा कि जो जिसके हृदय में बसा हुआ है, वह यदि बहुत दूर है तो भी उसे दूर नहीं कहा जा सकता...
Image Credit: Pixabay
और जो जिसके हृदय में समाया हुआ नहीं है, वह बहुत निकट रहने पर भी दूर प्रतीत होता है.
Image Credit: Pixabay
यानी जिन लोगों में सच्चा प्रेम है, वे यदि एक-दूसरे से बहुत दूर रहते हैं, तो भी उन्हें दूर नहीं मानना चाहिए.
Image Credit: Pixabay
लेकिन जिसने किसी के दिल में घर नहीं किया, वह पास रहने से भी दूर रहता है.
Image Credit: Pixabay
चाणक्य के अनुसार, सच्चे प्रेम में दूरी का कोई महत्व नहीं है.
और देखें
गंगाजल कभी खराब क्यों नहीं होता?
भेड़िये को क्यों घूरना नहीं चाहिए?
ये है सौरमंडल का सबसे ठंडा ग्रह
भारत की सबसे साफ नदी, मानो हवा में तैरती हो नाव
Click Here