कर्पूर गौरं करुणावतारं...का अर्थ क्या है?
Story created by Renu Chouhan
24/11/2025 कर्पूर गौरं करुणावतारं...ये मंत्र हम हमेशा पूजा-हवन के दौरान बोलते हैं.
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लेकिन, कभी इसका अर्थ आपने समझा है! चलिए आज आपको बताते हैं.
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कर्पूरगौरम् - कर्पूर की तरह बिल्कुल सफेद, पवित्र और तेजस्वी.
करुणावतारम् - जो करुणा (दयालुता) के अवतार हों - जैसे दयालु भगवान शिव.
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संसारसारम् - जो इस संसार का सार (मूल) हैं, सृष्टि के आधार हैं.
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भुजगेन्द्रहारम् - जिनका हार (माला) सर्पराज (नाग) है - अर्थात गले में सर्प धारण किए हुए.
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सदा वसन्तम् हृदय-अरविन्दे - जो भक्तों के हृदय रूपी कमल में हमेशा निवास करते हैं.
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भवं भवानी–सहितम् नमामि - मैं भगवान शिव को, माता भवानी (पार्वती) सहित नमस्कार करता/करती हूं.
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