Story created by Renu Chouhan

चाणक्य ने बताया कौन है मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन

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चाणक्य नीति में एक श्लोक है 'अलब्धलाभो नालसस्य।।'.

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इसमें चाणक्य ने इंसान के सबसे बड़े दुश्मन के बारे में बताया है.

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इस श्लोक में चाणक्य ने लिखा कि आलसी व्यक्ति राज्य और ऐश्वर्य प्राप्त नहीं कर सकता.


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यानी आलसी व्यक्ति या फिर आलसी राजा न तो अपने राज्य की सीमा को विकसित कर सकता है और न ही अपने राज्य को समृद्धिशाली बना सकता है.


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आगे चाणक्य ने बताया कि सत्य में निष्ठा न होना ही आलस्य है. जो व्यक्ति सत्यहीन है और हमेशा ऐसे ही कार्य करता है...


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जो करने लायक नहीं होते हैं और उपयुक्त कार्यों को करने में आलस्य दिखाता है. आलस्य उसे भी कह सकते हैं जिससे किसी प्रकार का लाभ नहीं होता.


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'आलस्य हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान्रिपु:, यानी आलस्य ही मनुष्य के शरीर में रहनेवाला उसका सबसे बड़ा शत्रु है.'


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आलस ही हम सभी का सबसे बड़ा दुश्मन है.

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