1 करोड़ रुपये का फंड आज की तारीख में बड़ा लग सकता है, क्योंकि इससे आपके कई सपने पूरे हो सकते हैं.
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लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, 10, 20 या 30 साल बाद रिटायरमेंट पर एक करोड़ रुपये मिल भी गए, तो क्या वह रकम पर्याप्त होगी.
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दरअसल, महंगाई के चलते वक्त के साथ-साथ पैसे की वैल्यू कम होती जाती है, और जो रकम आज पर्याप्त लग रही है, वह भविष्य में पर्याप्त नहीं रहेगी.
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आज आपको बताते हैं कि महंगाई आपकी परचेज़िंग पॉवर को कैसे धीरे धीरे कम करती है, और क्यों हमें लॉन्ग टर्म फ़ाइनेंशियल प्लानिंग करनी चाहिए.
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आपके खाते में 1 करोड़ बड़ी बात है, लेकिन यह रकम भविष्य में काफी नहीं रहेगी, क्योंकि जिस घर की कीमत आज एक करोड़ है, 10-20 साल बाद उसकी कीमत आसमान छू रही होगी.
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Inflation Calculator के हिसाब से 6% की महंगाई दर मानें, 10 साल बाद 1 करोड़ की कीमत घटकर 55.84 लाख रुपये रह जाएगी.
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इसी तरह, 20 साल बाद 1 करोड़ की कीमत 31.18 लाख रुपये रह जाएगी, और 30 साल बाद 1 करोड़ की कीमत सिर्फ़ 17.41 लाख रुपये रह जाएगी.
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सो, समय के साथ रुपये की गिरती कीमत समझाती है कि रिटायरमेंट प्लानिंग बेहद ज़रूरी है, और उसमें मुद्रास्फीति का ध्यान रखा जाना भी बेहद ज़रूरी होता है.
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इसलिए निवेश हमेशा ऐसी जगह करें, जहां रिटर्न इन्फ़्लेशन रेट से ज़्यादा हो, वरना जो रिटर्न आएगा, उससे ज़्यादा कीमत आपके रुपये की घट चुकी होगी.
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