पूजा में चावल का ही इस्तेमाल क्यों होता है, गेंहू क्यों नहीं?

Story created by Renu Chouhan

10/11/2025

कभी सोचा है क्यों? हम खाते तो गेंहू हैं लेकिन पूजा में चढ़ाने अक्षत (साबुत चावल) हैं!

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आज आपको सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर जय मदान बता रही हैं इसकी वजह.

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तो उनके मुताबिक चावल 'अखंडता' का संकेत देता है क्योंकि एक अनाज कई अनाज पैदा करता है, जो विकास और निरंतरता का प्रतीक साबित होता है.

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इसलिए इसे शुभता, समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है.

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देवताओं के प्रति भक्ति, आशीर्वाद और उत्पत्ति के प्रतिनिधित्व के रूप में, चावल का उपयोग पूजा में प्रसाद के रूप में किया जाता है.

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इसके विपरीत, गेहूं एक प्रमुख खाद्य पदार्थ है, जिसका उपयोग रोजमर्रा की जिंदगी में किया जाता है, न कि पूजा के लिए.

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इसके अलावा, जब गेहूं को पीसकर आटा बनाया जाता है तो वह अपनी मूल संरचना बदल देता है, जबकि चावल, अपनी प्राकृतिक और शुद्ध अवस्था में, आध्यात्मिकता और पारदर्शिता को दर्शाता है. 

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यही कारण है कि हर पूजा में, खासकर नवरात्रि और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान गेहूं नहीं बल्कि चावल चढ़ाया जाता है.

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