Byline - Renu Chouhan


ये 'गरीबों का चावल' क्या होता है?

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छोटे-छोटे गोल चमकीले सफेद दाने ये हैं कोदो मिलेट, जो अपने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब पॉपुलर हो रहे हैं.

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इसे गरीबों का चावल भी कहते हैं क्योंकि ये आसानी से कम दाम में दुकानों पर मिल जाते हैं. बता दें इसे हिंदी में कोदो धाना भी कहते हैं.

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कोदो धाना के अलावा इसे चावल घास, गाय घास, खाई बाजरा, देशी पास्पलम नाम से भी जाना जाता है.

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ये सिर्फ आसानी से मिलता ही नहीं बल्कि उगता भी बहुत आसानी से है, यानी इसे उगाने के लिए बहुत कम पानी की जरूरत पड़ती है.

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इसी वजह से ये 12 महीने कम पानी में कहीं भी उगाया जा सकता है.

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ये कोदो मिलेट आयरन, डायटरी फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, इसमें प्रोटीन भी अच्छी मात्रा में मौजूद होता है.

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सबसे खास बात इस कोदो मिलेट में कभी भी घुन या कीड़े नहीं लगते, इसी वजह से इसकी लाइफ बहुत लंबी होती है.

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कोदो मिलेट को चावल की ही तरह पकाया जा सकता है.

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जैसे चावल से पुलाव, तेहरी या फिर ढेर सारी सब्जियों के साथ मिलाकर बिरयानी आदि बनाई जाती है.

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वैसे ही कोदो मिलेट से भी ढेरों रेसेपी बनाई जाती हैं, ये स्वाद में भी चावल की ही तरह होती हैं.

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