नवरात्रि का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. नवरात्र के पहले दिन जौ बोए जाते हैं.
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पर क्या आप जानते हैं कि आखिर इस दौरान जौ क्यों बोए जाते हैं? आइए बताते हैं.
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मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्मा जी द्वारा इस सृष्टि की रचना के समय वनस्पतियों के तौर पर जो फसल सबसे पहले विकसित हुई वो जौ थी.
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सृष्टि की पहली फसल के नाते पूजन या हवन के समय भगवान को जौ ही अर्पित किए जाते हैं.
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यहीं कारण है कि नवरात्रि के त्योहार पर जौ बोए जाते हैं.
नवरात्रि में जौ बोने से वर्षा, फसल का अनुमान भी लगाया जाता है. कहते हैं अगर जौ उचित आकार और लंबाई में नहीं उगती, तो उस वर्ष वर्षा और फसल कम होगी.
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जौ बोने की प्रक्रिया में मिट्टी के पात्र में मिट्टी में जौ बोए जाते हैं, और इसका पूजन किया जाता है. बाद में नौ दिनों में जब जौ उग आते हैं, तो इनका विसर्जन किया जाता है.
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ये भी माना जाता है कि जौ अन्न यानी ब्रह्मा समान है. इसलिए पूजन के दौरान जौ इस्तेमाल किए जाते हैं.
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