रहें सावधान! 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' लिस्ट में शामिल हुआ कोविड का नया सब-वैरिएंट, जानें JN.1 है कितना खतरनाक
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WHO ने जेएन.1 कोरोना वायरस स्ट्रेन को "वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट" के रूप में क्लासिफाइड किया है, लेकिन कहा कि इससे पब्लिक हेल्थ को ज्यादा खतरा नहीं है.
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WHO ने कहा, "उपलब्ध सबूतों के आधार पर, JN.1 द्वारा उत्पन्न अतिरिक्त ग्लोबल पब्लिक हेल्थ रिस्क को वर्तमान में कम माना गया है."
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इस वैरिएंट के कारण भारत में सक्रिय COVID-19 मामले बढ़े हैं, जो सोमवार, 18 दिसंबर को 1,828 तक पहुंच गए है. इसमें केरल में एक व्यक्ति की मौत की खबर भी है.
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करेल में हाल ही में JN.1 का पता चला था. केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को सलाह जारी की है.
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WHO ने कहा कि मौजूदा टीके जेएन.1 और COVID-19 वायरस से मरीजों की रक्षा करने में कारगर हैं.
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CDC के अनुसार, जेएन.1 का पहला मामला सितंबर में अमेरिका में सामने आया था. पिछले हफ्ते, चीन ने COVID सबवेरिएंट के सात इंफेक्शन का पता लगाया था.
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केंद्र ने राज्यों को सलाह दी है कि वे आरटी-पीसीआर समेत पर्याप्त टेस्ट सुनिश्चित किए जाएं और पॉजिटिव नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए INSACOG लैब में भेजे जाएं.
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