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08/08/2024
Byline Aishwarya Gupta

क्या बिना फ़ोन बजे आपको भी सुनाई देती है रिंगटोन? इस खतरनाक बिमारी से अभी हो जाएं सावधान 

फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम अक्सर उन लोगों को होता है, जो फोन या दूसरे गैजेट्स का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं.

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इस सिंड्रोम होने पर व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है जैसे उसका फोन या कोई और गैजेट वाइब्रेट कर रहा है, जबकि असल में ऐसा नहीं होता है. 

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वैसे तो इस स्थिति को ‘‘सिंड्रोम'' कहते हैं, लेकिन यह कोई मेडिकल बीमारी नहीं है, यह केवल कई लोगों को होने वाला बस एक कनफ्यूजिंग एहसास है.

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रिसर्च में सामने आया है कि मोबाइल का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने वाले 89% लोगों को कभी न कभी फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम होता है. 

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फैंटम वाइब्रेशन सिंड्रोम से नुकसान तो कोई नहीं है, पर इससे कई तरह की परेशानियां होती हैं.

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अगर आपको अक्सर वाइब्रेशन महसूस हो रहा है, तो इससे क्लियर है कि आप अपने फोन के साथ बहुत ज्यादा समय गुजार रहे हैं. जो तनाव और एंग्जाइटी की वजह बन सकता है. 

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अप्रत्यक्ष रूप से फोन की लत शारीरिक रूप से भी नुकसानदेह है. दिन भर बैठकर फोन चलाने से मोटापा, डायबिटीज जैसी कई बीमारियों का शिकार हो सकते हैं.

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फोन से पूरी तरह दूर नहीं रहा जा सकता है, पर उसके साथ कम समय बिताना बिल्कुल पॉसिबल है. 

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मैसेज और अपडेट देखने का टाइम तय करें. इससे पूरे दिन फोन में घुसे रहने की आदत धीरे-धीरे कम होने लगेगी. 

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फोन को थोड़ी देर के लिए आराम दें. ऐसे काम करें, जिनके लिए फोन की जरूरत नहीं, जैसे किताब पढ़ें, वॉक पर जाएं या दोस्तों से मिलें-जुलें.

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