Story Created Aishwarya Gupta

जानें आचार्य विद्यासागर महाराज से जुड़ी कुछ जरूरी बातें, जिनके निधन पर PM मोदी ने भी जताया शोक

प्रसिद्ध जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज ने रविवार को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में चंद्रगिरि तीर्थ में सल्लेखना के बाद अंतिम सांस ली. 

Image credit: NDTV

आचार्य विद्यासागर महाराज दिगंबर जैन समुदाय के सबसे प्रसिद्ध संत थे. संत आचार्य विद्यासागर, आचार्य ज्ञानसागर के शिष्य थे. 

Image credit: PTI

जब आचार्य ज्ञानसागर ने समाधि ली थी तब उन्होंने अपना आचार्य पद मुनि विद्यासागर को सौंप दिया था. तभी मुनि विद्यासागर महज 26 वर्ष की आयु में ही 22 नवंबर 1972 को आचार्य हो गए थे.

Image credit: ANI

आचार्य विद्यासागर का जन्म 1946 में कर्नाटक के बेलगांव जिले के गांव चिक्कोड़ी में शरद पूर्णिमा के दिन 10 अक्टूबर को हुआ था.

Image credit: ANI

आचार्य विद्यासागर महाराज की माता श्रीमति और पिता मल्लप्पाजी ने भी उन्हीं से दिक्षा प्राप्त की थी और फिर उन्होंने समाधि ले ली थी. 

Image credit: ANI

आचार्य विद्यासागर को उनके गहन आध्यात्मिक ज्ञान के लिए व्यापक रूप से पहचाना जाता था.

Image credit: ANI

1968 में 22 वर्ष की आयु में, आचार्य विद्यासागर महाराज को आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज द्वारा दिगंबर साधु के रूप में दीक्षा दी गई थी और फिर 1972 में उन्हें आचार्य का दर्जा प्राप्त हुआ था.

X@SuryahSG

वह संस्कृत और अन्य भाषाओं पर अपनी पकड़ के लिए भी जाने जाते थे. उन्होंने कई ज्ञानवर्धक टिप्पणियां, कविताएं और आध्यात्मिक ग्रंथ लिखे हैं. 

Image credit: ANI

11 फरवरी को आचार्य विद्यासागर महाराज को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में ब्रह्मांड के देवता के रूप में सम्मानित किया गया था.

Image credit: NDTV

अपने पूरे जीवन में, आचार्य विद्यासागर महाराज जैन धर्मग्रंथों और दर्शन के अध्ययन और अनुप्रयोग में गहराई से लगे रहे.

Image credit: PTI

और देखें

दिल्ली में सराय रोहिल्ला के रेलवे स्टेशन पर पटरी से उतरे मालगाड़ी के डिब्बे

Paytm ऐप यूजर्स को बड़ी राहत! मर्चेंट पेमेंट्स के लिए मिला नया बैंकिंग पार्टनर

Paytm FASTag को लेकर NHAI ने उठाया बड़ा कदम, यूजर्स पर पड़ेगा जबरदस्त असर

ISRO ने लॉन्च किया भारत का नया मौसम सैटेलाइट, जानें इसकी खासियतें

Click Here