अंतरिम और पूर्ण बजट में क्या है अंतर...?
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मोदी 3.0 सरकार का पूर्ण बजट 23 जुलाई को लोकसभा में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. इसे वार्षिक बजट, आम बजट या केंद्रीय बजट भी कहा जाता है.
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वित्तमंत्री ने आम चुनाव से पहले 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था. अक्सर लोग पूर्ण और अंतरिम बजट में अंतर नहीं समझ पाते. हम आपको इस अंतर को आसान शब्दों में बताने जा रहे हैं.
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1. संसद में पेश
हर साल 1 फरवरी को लोकसभा में पूर्ण बजट पेश किया जाता है.
आम चुनाव से पहले जो बजट पेश किया जाता है, वह अंतरिम बजट होता है.
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2. बजट पर चर्चा
पूर्ण बजट पर लोकसभा में विस्तृत चर्चा होती है और इसे पारित किया जाता है.
अंतरिम बजट को बिना किसी चर्चा के ही पारित कर दिया जाता है.
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3. नीतियां और योजनाएं
पूर्ण बजट में नई योजनाओं और नीतियों की घोषणा की जाती है.
अंतरिम बजट में नई योजनाओं या नीतियों की घोषणा नहीं होती है.
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4. धन आवंटन
पूर्ण बजट में पूरे वित्तवर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) के लिए धन का आवंटन किया जाता है.
अंतरिम बजट में आम चुनाव तक के खर्चों को पूरा करने के लिए धन आवंटित किया जाता है.
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5. आय का विवरण
पूर्ण बजट में सरकार के आय के सभी स्रोतों का विस्तृत विवरण होता है.
अंतरिम बजट में सरकार के आय के सभी स्रोतों का विवरण नहीं होता है.
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निष्कर्ष
पूर्ण बजट सरकार की नीतिगत प्राथमिकताओं और आर्थिक दृष्टिकोण को दर्शाता है.
अंतरिम बजट चुनाव तक सरकार के कामकाज को जारी रखने के लिए धन मुहैया कराता है.
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