Story created by Renu Chouhan
मन उदास है तो पढ़ लें चाणक्य की कही ये बात
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चाणक्य नीति में एक वाक्य है "गते शोको न कर्तव्यो भविष्यं नैव चिंतयेत्। वर्तमानेन कालेन प्रवर्तन्ते विचक्षणा:।।"
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इस वाक्य में चाणक्य ने समझाया है कि इंसान को सिर्फ वर्तमान के बारे में ही सोचना चाहिए.
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उन्होंने लिखा कि जो बातें बीत चुकी हैं, उन पर शोक नहीं करना चाहिए और भविष्य की भी चिंता नहीं करनी चाहिए.
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बुद्धिमान लोग वर्तमान समय के अनुसार कार्य में लगे रहते हैं.
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व्यक्ति को चाहिए वह बीती हुई बातों पर शोक करने से व्यर्थ समय न गंवाए.
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उसे इस बात की भी चिंता नहीं करनी चाहिए कि आगे क्या होने वाला है.
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अतीत हाथ से निकल चुका है, तो भविष्य की केवल कल्पना की जा सकती है.
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इसीलिए बुद्धिमान व्यक्ति को वर्तमान स्थितियों के अनुरूप अपने काम में लगे रहना चाहिए.
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इससे बीते कल में हुई भूलों को ठीक किया जा सकता है और आने वाले कम को एक उत्तम आधार दिया जा सकता है.
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