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पृथ्‍वी के ‘सिर' पर मंडरा रहीं ये 5 बड़ी आफतें, ‘तबाही' मचाने को हैं बेकरार!

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  • पृथ्‍वी के ‘सिर' पर मंडरा रहीं ये 5 बड़ी आफतें, ‘तबाही' मचाने को हैं बेकरार!
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    पृथ्‍वी के ‘सिर' पर मंडरा रहीं ये 5 बड़ी आफतें, ‘तबाही' मचाने को हैं बेकरार!

    हमारी पृथ्‍वी (Earth) के चारों ओर विशाल अंतरिक्ष है। इस अंतरिक्ष में हमारा सौरमंडल है, ब्रह्मांड है, उसमें मौजूद अनगिनत तारे, ब्‍लैक होल्‍स और हजारों की संख्‍या में इंसान द्वारा छोड़ दी गई वो आफतें भी हैं, जो हमारे ग्रह की कक्षा के लिए खतरा हैं। हम बात कर रहे हैं अंतरिक्ष में उपग्रहों के तौर पर बिखरे मलबे की, जो हमेशा हमारे ‘सिर' पर किसी मुसीबत की तरह घूमते रहते हैं। हाल में हुई कुछ घटनाओं ने विशेषज्ञों को चिंता में डाला है। सैटेलाइट रूपी ये मलबे हमारी पृथ्‍वी तक पहुंच गए। हालांकि इनसे कोई नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन भविष्‍य को लेकर चुनौती बढ़ गई है। आज बात कुछ ऐसे अं‍तरिक्ष मलबों की, जो सबसे खतरनाक साबित हो सकते हैं।
  • रूस के SL-16 रॉकेट का मलबा
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    रूस के SL-16 रॉकेट का मलबा

    यहां ध्‍यान देने वाली बात है कि पृथ्‍वी की कक्षा को सबसे ज्‍यादा खतरा मौजूदा सैटेलाइटों या टेलिस्‍कोपों से नहीं, बल्कि उन सैटेलाइट्स और टेलिस्‍कोपों से है, जिनका जीवनकाल पूरा हो गया है और अंतरिक्ष एजेंस‍ियों ने उन्‍हें ऑर्बिट में ‘खुल्‍ला' छोड़ दिया है। स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के SL-16 रॉकेट का मलबा उन्‍हीं में से एक है। करीब 9.9-टन के रॉकेट का ऊपरी स्‍टेज जो 36 फुट लंबा लंबा है, पृथ्‍वी के लिए खतरा बना हुआ है। ऐसे कई और भी रॉकेट हैं, जो पृथ्‍वी से लगभग 840 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्‍वी का चक्‍कर लगाते हैं। अगर इन मलबों में कभी टक्‍कर होती है, तो छोटे-छोटे कई टुकड़े जन्‍म लेंगे, जो पृथ्‍वी के चारों ओर हालात बदतर बना सकते हैं।
  • रूस के SL-8 रॉकेट का स्‍टेज और जासूसी सैटेलाइट
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    रूस के SL-8 रॉकेट का स्‍टेज और जासूसी सैटेलाइट

    रूस के SL-8 रॉकेट का स्‍टेज करीब 1.54 टन वजन वाला है। यह स्‍टेज रूस की कोस्मोस रॉकेट फैमिली में इस्‍तेमाल हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा 1960 से 1990 के दशक के बीच रूस ने पृथ्‍वी से 975 किमी की ऊंचाई तक लगभग 145 जासूसी और कम्‍युनिकेशन सैटेलाइट भी भेजे। ये सभी सैटेलाइट और SL-8 रॉकेट का स्‍टेज अब हमारे अंतरिक्ष के लिए मुसीबत बन गए हैं।
  • चीन की एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्‍ट के टुकड़े
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    चीन की एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्‍ट के टुकड़े

    साल 2007 में चीन ने जो किया, उसका खामियाजा अब अंतरिक्ष और हमारी पृथ्‍वी भुगत रही है। चीन ने एंटी-सैटेलाइट मिसाइल को टेस्‍ट किया। रिपोर्ट के अनुसार, उस मिसाइल ने 29,000 किलोमीटर प्रति घंटे की स्‍पीड से 865 किलोमीटर की ऊंचाई पर परिक्रमा कर रहे 750 किलो के फेंगयुन अंतरिक्ष यान को मार दिया। फेंगयुन के हजारों टुकड़े हो गए, जो अंतरिक्ष में हर तरफ बिखर गए हैं। कहा जाता है कि इन मलबों का बड़ा हिस्‍सा SL-16 रॉकेट स्‍टेज के मलबे के पास ही घूमता है।
  • एन्विसैट और लैंडसैट सैटेलाइट
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    एन्विसैट और लैंडसैट सैटेलाइट

    एन्विसैट एक अर्थ-ऑब्‍जर्विंग सैटेलाइट था, जो अब इस्‍तेमाल में नहीं है। यह पृथ्‍वी से 800 किमी की ऊंचाई पर हमारे ग्रह का चक्‍कर लगाता है। साइज में काफी बड़ा होने के कारण एक विशेषज्ञों की चिंता बढ़ाता है। लगभग 8.8 टन का एन्विसैट पृथ्‍वी के ऑर्बिट में अंतरिक्ष कबाड़ के सबसे बड़े टुकड़ों में से एक है। रिपोर्ट कहती है कि यह कबाड़ यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी के लिए भी एक बड़ा दाग है। साल 2012 में यह सैटेलाइट अचानक खत्‍म हो गया था। इसके अलावा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के लैंडसैट सैटेलाइट्स भी पृथ्‍वी के लिए मुसीबत हैं। नासा ने ऐसे करीब 9 सैटेलाइट लॉन्‍च किए थे, जिनमें से सिर्फ 2 अभी काम कर रहे हैं। बाकी सिर्फ ‘खतरा' हैं।
  • हबल स्पेस टेलीस्कोप
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    हबल स्पेस टेलीस्कोप

    हबल स्‍पेस टेलीस्‍कोप ने पिछले 30 साल से हमारे वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष की अनदेखी तस्‍वीरें दिखाई हैं। इसकी जगह अब जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्‍कोप लेने जा रहा है। हालांकि अभी हबल टेलीस्‍कोप काम कर रहा है, लेकिन भविष्‍य में हबल का अंत हो जाएगा। तब यह मलबा बन जाएगा और हमारी पृथ्‍वी के लिए एक खतरा बनकर घूमता रहेगा। इसका साइज करीब 12.4 टन है। यह पृथ्वी की सतह से लगभग 535 किमी ऊपर परिक्रमा करता है। तस्‍वीरें ESA और pixabay से।
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