13 जेएके राइफल्स में दिसंबर 1997 में कमिशन मिला.
करगिल युद्ध के दौरान इनका कोडनेम 'शेरशाह' था.
महत्वपूर्ण पूर्ण प्वाइंट 5140 पर कब्जा जमाया.
प्वाइंट 4875 पर कब्जा जमाने के लिए हुई लड़ाई में स्वेच्छा से भाग लिया.
प्वाइंट 4875 पर हुई लड़ाई में 7 जुलाई, 1999 को शहीद हो गए.
मिशन की सफलता के बाद 'ये दिल मांगे मोर' कहकर काफी मशहूर हुए.
मरणोपरांत 'परमवीर चक्र' से सम्मानित किया गया.