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300 डॉलर तक चली जाएगी कच्चे तेल की कीमत! रूस ने दी चेतावनी; और रुलाएगी महंगाई

Crude Oil Price : रूस ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में क्रूड की कीमत 300 डॉलर पर पहुंच सकती है. दरअसल, पश्चिमी देश यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं. इसी क्रम में रूस से ऑयल इंपोर्ट यानी तेल आयात करने पर रोक लगाने पर विचार हो रहा है.
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NDTV Profit हिंदी12:26 PM IST, 08 Mar 2022NDTV Profit हिंदी
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कच्चे तेल ने रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के चलते 139 डॉलर प्रति बैरल का स्वाद चख लिया है. यूक्रेन पर रूस की चढ़ाई के बाद से ही ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) लगातार ऊपर चढ़ता जा रहा है. सोमवार के कारोबार में सुबह को यह 130 डॉलर पर चढ़ा, जिसके बाद यह एक वक्त के लिए 139 डॉलर प्रति बैरल पर चला गया. यह साल 2008 के बाद से इसका अबतक का सबसे ऊंचा स्तर है. मंगलवार की सुबह कीमतें 124 डॉलर के आसपास दर्ज हुईं. इतनी ही तेजी ने तेल मार्केटिंग कंपनियों और एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ा दी है क्योंकि भारत में तो इसका सीधा बोझ अभी कंपनियों पर ही बढ़ रहा है. इस बढ़ोतरी को ऑफसेट करने के लिए इसी हफ्ते फ्यूल प्राइस में 15 से 22 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि का अनुमान लग रहा है. 

लेकिन कीमतों में उछाल की मुसीबत शायद ही इतने पर रुके. अब रूस ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में क्रूड की कीमत 300 डॉलर पर पहुंच सकती है. दरअसल, पश्चिमी देश यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगा रहे हैं. इसी क्रम में रूस से ऑयल इंपोर्ट यानी तेल आयात करने पर रोक लगाने पर विचार हो रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार को कहा था कि अमेरिका और यूरोपीय सहयोगी रूस पर ऑयल इंपोर्ट बैन लगाने पर विचार कर रहे हैं.

300 डॉलर पर तेल और गैस पाइपलाइन बंद होने की आशंका

उधर, संघर्ष खत्म करने को लेकर बेलारूस में रूस और यूक्रेन के बीच सोमवार को तीसरे दौर की बातचीत हुई, लेकिन नतीजा सिफर रहा. रूस के उप प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने सरकारी टीवी पर एक बयान में कहा कि 'यह बिल्कुल साफ है कि रूसी तेल पर बैन लगाने का फैसला ग्लोबल बाजार के लिए विनाशकारी नतीजे लेकर आएगा.' उन्होंने कहा कि 'कीमतों में तेजी का अनुमान लगाना मुश्किल होगा, बहुत ज्यादा नहीं तो कम से कम दाम 300 डॉलर के ऊपर जाएंगे.'

नोवाक ने कहा कि यूरोप रूस से जितना तेल लेता है, उसकी भरपाई करने में उसे एक साल से ज्यादा का वक्त लग जाएगा और इसके लिए उसे बहुत ज्यादा कीमत भी चुकानी होगी.

और बढ़ेगी महंगाई

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में ऐसा कहा गया है कि अगर पश्चिमी देश रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाते हैं तो इसका मतलब होगा कि उनके लिए कच्चा तेल 300 डॉलर तक पहुंच जाएगा, वहीं, रूस और जर्मनी के बीच चलने वाली गैस पाइपलाइन भी बंद हो जाएगी. और अंत में तेल और दूसरी कमोडिटीज़ की बढ़ती कीमतों का असर दुनिया भर में महंगाई के रूप में दिखाई देगा.

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