देश के दो और बैंकों ने लोन की दरों में बढ़ोत्तरी का ऐलान किया है. राज्य के स्वामित्व वाले बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने सभी अवधियों में फंडिंग बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) की सीमांत लागत में 0.15 का इजाफा किया है. इसी तरह करुर वैश्य बैंक ने भी बताया है कि उसने बाहरी बेंचमार्क दर को 7.15% से संशोधित करके 7.45% कर दिया है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र की ओर से कहा गया है कि उसने फंड आधारित उधार दर की सीमांत लागत ( marginal cost of funds based lending rate)की समीक्षा की है जो 7 मर्द 2022 से प्रभावी है.
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक (RBI) के नीतिगत दर में वृद्धि के फैसले के बाद कई बैंकों ने बाह्य मानक दर यानी रेपो आधारित ब्याज दर (ईबीएलआर) बढ़ा दी है. आईसीआईसीआई बैंक ने इसे बढ़ाकर 8.10 प्रतिशत और बैंक ऑफ बड़ौदा ने 6.90 प्रतिशत कर दिया है. इसके अलावा सार्वजानिक क्षेत्र के दो बैंकों, बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने भी रेपो दर में बढ़ोतरी के बाद अपनी ब्याज दरों में वृद्धि की घोषणा की है. आरबीआई ने बुधवार को मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत दर (रेपो) 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत किये जाने की घोषणा की, इसके बाद बैंकों ने यह फैसला किया है. ईबीएलआर दर में वृद्धि से ग्राहकों के लिए व्यक्तिगत ऋण, वाहन और आवास ऋण महंगे हो जाएंगे.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी बाह्य मानक दर आधारित ब्याज दर में संशोधन किया है. उसकी ओर से कहा गया है, 'खुदरा ऋण के लिए लागू बीआरएलएलआर (बड़ौदा रेपो लिंक्ड रेट) पांच मई, 2022 से 6.90 प्रतिशत कर दी गई है.इसमें आरबीआई की 4.40 प्रतिशत रेपो दर और 2.50 प्रतिशत ‘मार्कअप' शामिल है.'वहीं बैंक ऑफ इंडिया ने भी रेपो दर में वृद्धि के साथ अपनी आरबीएलआर को पांच मई, 2022 से बढ़ाकर 7.25 प्रतिशत कर दिया है.सेंट्रल बैंक ने भी अपने आरबीएलआर में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि की है और इसे 7.25 प्रतिशत कर दिया है। यह छह मई, 2022 से लागू होगी.ईबीएलआर बाह्य मानक दर और कर्ज जोखिम प्रीमियम का जोड़ है.
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