अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) के प्रमुख बंदरगाह मुंद्रा पोर्ट पर दुनिया के सबसे बड़े जहाजों में एक जहाज ने लंगर डाला है. इस जहाज का आकार चार फुटबॉल मैदान के बराबर है. इस जहाज का आकार 399 मीटर लंबा और 54 मीटर चौड़ा है. इसके साथ ही अदाणी पोर्ट्स मुंद्रा ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. एमवी एमएससी हैम्बर्ग, 2015 में बना एक कंटेनर जहाज, अभी मुंद्रा बंदरगाह पर खड़ा हुआ है.
अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) ने एक बार फिर सबसे बड़े कंटेनर जहाजों में से एक को सुरक्षित रूप से एंकर करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. दिलचस्प बात यह है कि यह ऐतिहासिक मौका तब बना जब उसी महीने जिनेवा स्थित मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी (एमएससी) और अदाणी इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त उद्यम ने 10 वर्ष पूरे किए हैं.
संचालन और दक्षता में साबित की योग्यता
अदाणी पोर्ट्स ने अपने प्रदर्शनों की लिस्ट में एक और रत्न जोड़ते हुए, एपीएसईज़ेड ने एक बार फिर संचालन और दक्षता में अपनी योग्यता साबित की है. एमवी एमएससी हैम्बर्ग, एक कंटेनर जहाज है जिसकी वहन क्षमता 15,908 टीईयू (कंटेनर) है और उसका वर्तमान ड्राफ्ट 12 मीटर बताया गया है. इसकी कुल लंबाई 399 मीटर है और चौड़ाई 54 मीटर है. मुंद्रा बंदरगाह ने अब तक के सबसे बड़े जहाजों में से एक को सुरक्षित रूप से लंगर डलवा कर समुद्री परिवहन क्षेत्र में एक अहम उपलब्धि हासिल की है.
पहले टीईयू एपीएल रैफल्स को किया था खड़ा
इससे पहले अदाणी पोर्ट्स ने 13,892 टीईयू एपीएल रैफल्स को खड़ा किया था, जो भारतीय बंदरगाह पर कॉल करने वाला सबसे बड़ा कंटेनर जहाज था. सिंगापुर में पंजीकृत इस जहाज की लंबाई 397.88 मीटर और चौड़ाई 51 मीटर थी. अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन ने वित्तीय वर्ष 2023 में 339 एमएमटी के साथ सबसे बड़ा पोर्ट कार्गो वॉल्यूम दर्ज किया.
अदाणी पोर्ट्स ने हमेशा देश के विकास के लिए बंदरगाह सेवाओं और सुविधाओं को अनुकूलित करने का प्रयास किया है. बंदरगाह का उन्नत बुनियादी ढांचा भारत के बढ़ते समुद्री उद्योग और व्यापार विकास को दर्शाता है. केवल 24 घंटों में 40 जहाजों की आवाजाही को संभालने की मुंद्रा पोर्ट की विशेष उपलब्धि इसकी असाधारण परिचालन क्षमताओं और उत्कृष्ट दक्षता का दावा करती है. चक्रवात बिपरजॉय के कारण परिचालन के अस्थायी निलंबन के बाद बंदरगाह ने अपनी सभी सेवाएं फिर से शुरू कर दी हैं. कंटेनर आवाजाही ने एक बार फिर तेजी पकड़ ली है क्योंकि बंदरगाह दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आने वाले जहाजों के लिए खुद को तैयार कर रहा है.
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