नेपाल में विरोध प्रदर्शन के दौरान संसद, सुप्रीम कोर्ट, सिंह दरबार जलाए गए और पूर्व मंत्रियों पर हमला हुआ. केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा, जिससे नेपाल में केवल 48 घंटे में सत्ता परिवर्तन हो गया. पिछले दस साल में नेपाल में तीन बड़े घोटाले हुए जिनसे आम जनता का वित्तीय सिस्टम पर विश्वास हिला है.