मोदी-पुतिन शिखर सम्मेलन में S-400, SU-57 और S-500 जैसे बड़े रक्षा सौदों पर सहमति की मजबूत संभावना. रूस की टेक ट्रांसफर और संयुक्त उत्पादन से भारत की रक्षा क्षमता और आत्मनिर्भरता को बड़ा बूस्ट मिलेगा. ऊर्जा, व्यापार और न्यूक्लियर सहयोग पर 10-15 समझौतों से सस्ता तेल, डिजिटल पेमेंट और निवेश को बढ़ावा मिलेगा.