पुतिन भारत यात्रा में PM मोदी के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए आयात बढ़ाने पर चर्चा करेंगे. रूस भारत से अधिक वस्तुएं बेच रहा है, जिससे व्यापार घाटा बढ़ा है, और आयात संतुलन पर बातचीत होगी. दोनों देश डॉलर के बजाय राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार करने के लिए तंत्र विकसित करने पर विचार कर सकते हैं.