सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच रक्षा समझौते के बाद एक देश के खिलाफ आक्रामकता को दोनों देशों के खिलाफ मानी जाएगी. इस समझौते से दोनों देशों के बीच पुरानी साझेदारी को औपचारिक सुरक्षा संधि में बदला किया गया है. जानकारों की मानें तो पाकिस्तान इसका फायदा कश्मीर मसले को उठाने और एलओसी पर तनाव बढ़ाने में उठाएगा.