शर्म-अल-शेख को हमास और इजरायल के सीजफायर के बाद कूटनीति के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में देखा जा रहा है. भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 2009 में तत्कालीन पाक पीएम यूसुफ रजा गिलानी से यहीं अहम वार्ता की थी. उस वार्ता में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी, लेकिन पाकिस्तान ने उस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया.