योगी आदित्यनाथ ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने गुरुओं गोरखनाथ, अवैद्यनाथ, दिग्विजयनाथ और गंभीरनाथ की पूजा की और रोट का महाप्रसाद अर्पित किया. महंत अवैद्यनाथ ने 1994 में योगी आदित्यनाथ को दीक्षा दी और उन्हें आदित्यनाथ नाम प्रदान किया था, जिससे उनकी आध्यात्मिक यात्रा शुरू हुई. योगी आदित्यनाथ ने 1998 में महंत अवैद्यनाथ के समर्थन से चुनाव जीता और उस समय वे सबसे कम उम्र के सांसद बने थे.