छांगुर बाबा के माफिया अतीक अहमद के साथ गहरे राजनीतिक संबंध थे, 2014 के लोकसभा चुनाव में ये खुलकर सामने आया. छांगुर बाबा ने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अतीक अहमद के लिए प्रचार किया और अपने गांव में उसे खास सिपहसालार के रूप में पेश किया. छांगुर ने अतीक अहमद को चुनाव के दौरान अपना घोड़ा दिया था, जिससे अतीक ने नामांकन किया और भाजपा समर्थकों की ओर दौड़ाया था.