इलाहाबाद HC ने कहा कि कमाने वाली महिला स्वयं का भरण-पोषण करने में सक्षम होने पर भरण-पोषण की हकदार नहीं होती फैमिली कोर्ट ने पति को पत्नी को पांच हजार रुपए मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था जिसे HC ने रद्द किया याचिकाकर्ता के वकीलों ने बताया कि पत्नी वेब डिजाइनर है और टेलीकॉम कंपनी में मासिक तीस हजार से अधिक कमाती है