राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने एक मंच पर आकर राजनीतिक एकता का संकेत दिया है. 1996 में रमेश किणी की रहस्यमय मौत ने राज के सियासी करियर को नुकसान पहुंचाया. राज ने 2006 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की स्थापना की और मराठी हितों की बात की. आज दोनों भाइयों का सियासी करियर संकट में है, साथ आना एक बेहतर विकल्प हो सकता है.