BMC चुनाव 2026 में मराठी बनाम गैर-मराठी का मुद्दा प्रमुख होकर पहचान और अस्मिता की राजनीति पर केंद्रित होगा. शिवसेना ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची में 88 प्रतिशत मराठी उम्मीदवारों को टिकट देकर मराठी अस्मिता पर जोर दिया. भाजपा ने पहली सूची में 70% मराठी उम्मीदवारों को जगह देकर मराठी और हिंदी भाषी वोटरों के बीच संतुलन बनाया.