महाराष्ट्र के बीड जिले के अंबाजोगाई के स्वामी रामानंद तीर्थ अस्पताल में 7 जुलाई को जन्मे नवजात को मृत घोषित किया गया था. बच्चे को दफनाने के लिए गड्ढा खोदा जाना था, लेकिन कुदाल न मिलने पर दादी ने बच्चे का चेहरा देखने की ज़िद की. कफन हटाया गया तो वह रोने लगा. बच्चे को मृत घोषित करने के बाद लगभग 12 घंटे बाद वह जिंदा पाया गया, जिससे अस्पताल की लापरवाही पर सवाल उठने लगे.