मप्र में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न अभियान के दौरान दस दिन में छह बूथ लेवल अफसरों की मौत हुई है मृतकों के परिजन ने अधिक काम का दबाव, देर रात की रिपोर्टिंग और सस्पेंशन के डर को मौतों का प्रमुख कारण बताया है राज्य में कुल साढ़े पांच करोड़ मतदाता, 65 हजार से अधिक बूथ लेवल अधिकारी वोटर लिस्ट के शुद्धिकरण में लगे हैं