शरीर की गर्मी बचाने के लिए रक्त वाहिकाएं सिकुड़ती हैं जिससे मूत्र मार्ग सिकुड़ और संवेदनशील हो जाता है ठंड में पानी कम पीने से मूत्र गाढ़ा होता है जो बैक्टीरिया के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण बनाता है सर्दियों में इम्यूनिटी कमजोर होने और ब्लड सर्कुलेशन कम होने से यूरिन इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है