सुप्रीम कोर्ट के फैसले में अरावली की नई परिभाषा में केवल सौ मीटर से ऊंची पहाड़ियां ही शामिल हैं. पर्यावरणविदों के मुताबिक फैसला अरावली के ज्यादातर हिस्सों से संरक्षण हटाकर पारिस्थितिक नुकसान को बढ़ावा देगा. अरावली पर्वतमाला चंबल, साबरमती और लूणी नदियों का स्रोत है और थार रेगिस्तान को फैलने से रोकती है.