उपराष्ट्रपति धनखड़ ने संविधान की प्रस्तावना में बदलाव पर सवाल उठाए. 1976 में प्रस्तावना में 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द जोड़े गए थे. धनखड़ ने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का सबसे अंधकारमय दौर बताया. धनखड़ ने कहा- प्रस्तावना का बदलाव संविधान निर्माताओं के प्रति धोखा.