मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर सरकारी महकमों ने औपचारिकता पूरी की रंगकर्मियों, साहित्यकारों, पत्रकारों ने भी अपने कथाकार को याद किया प्रेमचंद की जन्मस्थली को संभालने वाला कोई नहीं, सब पल्ला झाड़ रहे