अदालत ने अहम फैसले में कहा कि पूर्व पति बेरोजगार होने के बावजूद भरण-पोषण का खर्च उठाने से नहीं बच सकता है. फैमिली कोर्ट ने पति की बेरोजगारी को देखते हुए भरण-पोषण देने से इनकार किया था, लेकिन हाई कोर्ट ने फैसला पलटा. हाई कोर्ट ने कहा, यदि पुरुष पूरी तरह स्वस्थ और सक्षम है तो बेरोजगारी उसकी इच्छा से चुना गया विकल्प माना जाएगा.