कहा, इस काम के लिए अशोक सिंघल ने जीवन की आहुति दी आडवाणी जी के नेतृत्व में हम सबने सर्वस्व दांव पर लगाया था आडवाणी जी ने ही छद्म धर्मनिरपेक्षता vs राष्ट्रवाद की बहस छेड़ी थी