उद्धव ठाकरे ने मराठी लोगों की एकता को अटूट बताया और भाजपा की त्रिभाषा अनिवार्यता की नीति का विरोध किया. मुंबई महानगरपालिका चुनावों में शिवसेना की भूमिका पर कहा कि वे मराठी जनता के लिए लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे के साथ मराठी अस्मिता के मुद्दे पर एकजुट होने और गठबंधन की संभावनाओं का संकेत दिया.