त्रिकुटा पर्वत पर भूस्खलन में 34 लोगों की मौत और 20 से अधिक घायल हुए हैं, राहत कार्य जारी है. श्राइन बोर्ड की नीतियों और पर्वत पर बढ़ती व्यवसायिक गतिविधियों को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठे हैं. त्रिकुटा पर्वत पर पेड़ों की कटाई, बढ़ती गंदगी और डीजल वाहनों की अनुमति से माता की तपस्या पर असर पड़ा है.