भारत ने टीआईआर संधि पर इस साल 15 जून को हस्ताक्षर किया है. इस रास्ते के प्रयोग से लागत और समय में करीब 50 फीसदी की बचत होगी. इससे भारत ईरान होते हुए रूस या तुर्की को माल भेजने में सक्षम होगा.