आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर देश की लोकतांत्रिक इतिहास को याद किया गया. पीएम मोदी ने इसे संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने की बात कही. आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों और प्रेस की स्वतंत्रता को निलंबित किया गया.