आशीष डंगवाल ने केलसू घाटी में सड़क निर्माण में योगदान देकर बच्चों में संस्कार और समाजसेवा की भावना जगाई. श्रीकांत असराठी ने 41 वर्ष तक बिना ट्रांसफर सेवाएं देते हुए गांव के हर बच्चे को शिक्षित करने का मिशन पूरा किया भंवरलाल शर्मा ने स्कूल के लिए आर्थिक सहयोग कर कंप्यूटर शिक्षा शुरू कराई और छात्रों को आत्मनिर्भर बनाया.