शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने वर्ण व्यवस्था का समर्थन किया है. उन्होंने मनुस्मृति को संविधान से भी महत्वपूर्ण बताया. राम कथा वाचक की पिटाई के बाद हो रहे विवाद पर एनडीटीवी से उन्होंने बात की सनातन धर्म के चारों वर्णों को समान बताया गया है: शंकराचार्य