SC ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को बिजली कंपनियों का बकाया 3 साल में चुकाने का आदेश दिया. अदालत ने नियामक संपत्ति के निपटान के लिए 2028 तक का समय दिया और समयबद्ध रोडमैप प्रस्तुत करने को कहा. बिजली वितरण कंपनियों की लंबित संपत्ति की वसूली में नियामक आयोगों की भूमिका पर कड़ी निगरानी को जरूरी बताया.