सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को जारी रखने की अनुमति दी है और चुनाव आयोग को आधार, वोटर आईडी तथा राशन कार्ड को शामिल करने पर विचार करने को कहा है। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि चुनाव आयोग का नागरिकता निर्धारण से कोई संबंध नहीं है, यह गृह मंत्रालय का क्षेत्राधिकार है। चुनाव आयोग ने बताया कि आधार कार्ड केवल पहचान पत्र है और नागरिकता का प्रमाण नहीं है, इसलिए इसे मतदाता सूची रिवीजन में शामिल करने का निर्णय आयोग पर निर्भर करेगा।