निर्वाचन आयोग भारत के कई राज्यों में मतदाता सूची की स्पेशल इंटेंसिव रिविजन प्रक्रिया बीस साल बाद कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SIR कोई वार्षिक प्रक्रिया नहीं है और इसमें अदालत को ज्यादा हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. विपक्षी पक्ष का दावा है कि SIR के जरिए विपक्षी समर्थकों के नाम हटाए जा रहे हैं लेकिन इसे प्रमाणित नहीं किया.