सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जबरन तेज़ाब पिलाने के आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा लगाई जानी चाहिए. मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों को केवल गंभीर चोट की श्रेणी में रखना पर्याप्त नहीं है. कोर्ट ने कहा कि ऐसे अपराधों को सीधे IPC की धारा 307 के तहत चलाना चाहिए, जिससे सख्त सजा मिल सके.