SSC ने कहा कि उसकी परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों का सोशल मीडिया पर विश्लेषण या प्रसार करना सजा योग्य अपराध है. सार्वजनिक परीक्षा (कदाचार की रोकथाम) अधिनियम, 2024 के तहत ऐसी गतिविधियों पर 10 वर्ष तक की जेल हो सकती है. अधिनियम के अनुसार जुर्माने की राशि एक करोड़ रुपये तक हो सकती है और संगठित अपराध में दंड और कठोर होगा.