कहा- अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया, वह कानून सम्मत नहीं अदालत तथ्यों और सबूतों को सही परिपेक्ष्य में देखने में असफल रही केंद्रीय गृह सचिव , कैबिनेट सचिव और गृहमंत्री को भी भेजी पत्र की प्रति