अबू आसिम आजमी ने मराठी भाषा का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि मराठी न जानने वालों के लिए क्लासेस शुरू की जानी चाहिए. आजमी ने ठाकरे बंधुओं के एक साथ आने पर तंज कसा, राजनीति में भाषा का प्रयोग न करने की अपील की. हिंदी और मराठी के बीच कोई टकराव नहीं है, लेकिन चुनावों में इससे जुड़ी राजनीति हो रही है.