संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि विश्व में चल रहे संघर्ष की वजह विविधताओं को सहज न कर पाना है भागवत ने बताया कि दुनिया को आर्थिक नहीं बल्कि भारत के अध्यात्म की सबसे अधिक आवश्यकता है उन्होंने कहा कि भारत अपनी आध्यात्मिकता के कारण विश्वगुरु माना जाता है न कि केवल आर्थिक ताकत के कारण