राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सौ वर्ष पूरे होने पर तीन दिवसीय कार्यक्रम नई दिल्ली के विज्ञान भवन में शुरू हुआ. मोहन भागवत ने कहा कि देश में परिवर्तन केवल नेताओं पर निर्भर नहीं करता बल्कि समाज की सामूहिक भागीदारी जरूरी है. उन्होंने समाज के अवगुणों को दूर करने और गुणों को विकसित करने को राष्ट्र की प्रगति के लिए जरूरी बताया.